शायरी, कविता, गीत, ग़ज़ल
Monday, March 16, 2020
›
D
›
टूट कर चाहना, चाह कर टूटना फ़र्क दोनों में बस जगहंसाई का है दिल दिया ही नहीं उसने मुझको कभी यार फिर क्यूँ ये क़िस्सा बेवफ़ाई का है तपन ...
Thursday, June 13, 2019
›
ये दिल के ज़ख़्म, किसी को दिखाये न गये.... दो आंसू मेरे हालात पर, तुम से बहाये न गये.... लड़ तो सकता था मैं दुनियां से तेरे लिए, मगर दो ...
›
भूलाना भी चाहूं तो तुझे भूला नहीं पाता.... तेरी यादों के साये को मिटा नहीं पाता.... ऐसा लगता है कि तू हर वक्त साथ रहता है मेरे, तन्हा हो...
›
तुम्हारे कदमों में लाकर हमने जन्नत से महल डाले.... पर तुम न बदले, तुम्हारे लिए अपने उसूल तक बदल डाले.... जो कहते थे कभी मेरी जान भी मांग...
›
अपनों से कोई खफा नहीं होता.... हर चाहत का नाम वफा नहीं होता.... वो तो इस ज़माने की मज़बूरीयां हैं वरना, मुहब्बत करने वाला, कभी बेवफ...
Monday, June 10, 2019
›
जिसने खोया है वही जानता है.... भला इस ईश्क के दर्द को, कौन पहचानता है.... तन्हाईयां गुज़ार दी हों, जिसने रातों की, ये ज़माना उसको ...
›
Home
View web version