अभी तक क्यूँ भरा नहीं, मेरे दिल का ज़ख़्म,
मैं ने तो सुना है कि, वक्त हर ज़ख़्म को भर देता है.....
भला क्यूँ टूट गया, मेरे सबृ का सितारा,
मैं ने तो सुना है कि, सबृ इन्सान को जीना सिखा देता है....
कैसे भूल गया, उसके होने का अहसास,
मैं ने तो सुना है कि, अहसास किसी की याद दिला देता है....
अभी तक क्यूँ रूठा है , मुझसे मेरा खुदा,
मैं ने तो सुना है कि, खुदा हर राही को राह दिखा देता है....
Tapan tanha....
मैं ने तो सुना है कि, वक्त हर ज़ख़्म को भर देता है.....
भला क्यूँ टूट गया, मेरे सबृ का सितारा,
मैं ने तो सुना है कि, सबृ इन्सान को जीना सिखा देता है....
कैसे भूल गया, उसके होने का अहसास,
मैं ने तो सुना है कि, अहसास किसी की याद दिला देता है....
अभी तक क्यूँ रूठा है , मुझसे मेरा खुदा,
मैं ने तो सुना है कि, खुदा हर राही को राह दिखा देता है....
Tapan tanha....
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