देखो तो, ख्वाब हो जाऊं........
पढो, किताब हो जाऊं..........
ओढ लो जो मुझे जानम,
तो मैं, हिज़ाब हो जाऊं..........
मन्नतें करके, मैंने यूं...............
रब से ही, तुमको है पाया.........
ऐसा लगता है जैसे तू ,
बन के आई, मेरा साया...........
मुझे तनहाई,में सोचो................
तो मैं हिसाब, हो जाऊं...............
ओढ लो, जो मुझे जानम............
तो मैं, हिज़ाब हो जाऊं.............
दुश्मनी कोई नहीं है.............
मेरी इस ज़माने से..............
तेरे -मेरे बीच मैं आया,
ज़माना उस ज़माने से.............
ज़माना कुछ भी अब कर ले.........
तो मैं,शैंलाब हो जाऊं,
ओढ लो, जो मुझे जानम............
तो मैं, हिज़ाब हो जाऊं...............
तपन तन्हा.......
पढो, किताब हो जाऊं..........
ओढ लो जो मुझे जानम,
तो मैं, हिज़ाब हो जाऊं..........
मन्नतें करके, मैंने यूं...............
रब से ही, तुमको है पाया.........
ऐसा लगता है जैसे तू ,
बन के आई, मेरा साया...........
मुझे तनहाई,में सोचो................
तो मैं हिसाब, हो जाऊं...............
ओढ लो, जो मुझे जानम............
तो मैं, हिज़ाब हो जाऊं.............
दुश्मनी कोई नहीं है.............
मेरी इस ज़माने से..............
तेरे -मेरे बीच मैं आया,
ज़माना उस ज़माने से.............
ज़माना कुछ भी अब कर ले.........
तो मैं,शैंलाब हो जाऊं,
ओढ लो, जो मुझे जानम............
तो मैं, हिज़ाब हो जाऊं...............
तपन तन्हा.......
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