मानता हूं कि मैं एक गुनाहगार हूं...
ये भी सच है तेरा मैं तलबगार हूं...
दिल दुखाया तेरा जाने अन्जाने में...
दिल का हाथ था मुझको बहकाने में...
माफ कर देना सब बचपना जान कर...
जीऊगां तुम्हें ज़िन्दगी मानकर...
ये आखरी शब्द हैं ज़िन्दगी के मेरी...
तेरी खामोशीयां अब सज़ा है मेरी...
Tapan Tanha...
ये भी सच है तेरा मैं तलबगार हूं...
दिल दुखाया तेरा जाने अन्जाने में...
दिल का हाथ था मुझको बहकाने में...
माफ कर देना सब बचपना जान कर...
जीऊगां तुम्हें ज़िन्दगी मानकर...
ये आखरी शब्द हैं ज़िन्दगी के मेरी...
तेरी खामोशीयां अब सज़ा है मेरी...
Tapan Tanha...
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